हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन 24 अप्रैल से चल रहा है। यूपी बोर्ड की कॉपियों का काम भी तेजी से चल रहा है। 29 अप्रैल यानी 4 दिन में ढाई लाख से अधिक कॉपियों की जांच हो चुकी थी। बोर्ड ने पहले ही साफ कर दिया है कि अगर परीक्षा में कोई सवाल कोर्स से बाहर से पूछा गया है तो उसका अंक स्टूडेंट्स को मिलेगा, चाहे उसका उत्तर उस बच्चे ने कॉपी में लिखा हो या नहीं।
इस बार इंटरमीडिएट हिन्दी के एक-एक नंबर के दो प्रश्न पाठयक्रम से बाहए आए। 12वीं अर्थशास्त्र विषय में एक दीर्घ उत्तरी प्रश्न भी पाठ्यक्रम से नहीं आया है। लेकिन बोर्ड ने इन विषयों के छात्र-छात्राओं को राहत देने का काम किया है।
बोर्ड ने साफ किया है कि परीक्षकों को इन प्रश्नों के उत्तर कॉपी में लिखा या नहीं, लेकिन उन्हें नंबर पूरे देने हैं। इसमें किसी भी तरह से परीक्षार्थी का नुकसान नहीं होना चाहिए। परीक्षक भी कॉपियों का मूल्यांकन ध्यानपूर्वक कर रहे हैं। हिन्दी 12वीं की कॉपी में परीक्षक यह काम कर चुका है।
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