यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2024 के केंद्र निर्धारण में 60 से अधिक जिले पिछड़ गए हैं। बोर्ड ने केंद्र निर्धारण के लिए डेडलाइन 28 नवंबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दी थी। लेकिन इसके बावजूद तमाम जिलों में अभी जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन नहीं मिला है। यहां तक कि प्रयागराज में ही केंद्रों की सूची फाइनल नहीं हो सकी है। यह स्थिति तब है जबकि हाईकोर्ट ने बोर्ड परीक्षा से तीन महीने पहले केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, अभी मुश्किल से 10-12 जिलों ने ही केंद्रों की सूची उपलब्ध कराई है जिसका परीक्षण चल रहा है। परीक्षण के बाद वेबसाइट पर अपलोड होगी। 27 अक्तूबर के आदेश में दस दिसंबर तक सभी 75 जिलों के केंद्रों की सूची अपलोड करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन अंतिम दिन तक एक भी जिले की सूची ऑनलाइन उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। बोर्ड ने 2024 के लिए 7864 केंद्र प्रस्तावित किए हैं। पिछले साल 8753 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी। इस लिहाज से केंद्रों में 889 स्कूलों की कटौती की तैयारी है।
एक अधिकारी ने कहा कि हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की 2023 बोर्ड परीक्षाओं के दौरान अनियमितताओं वाले स्कूलों को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड से संबद्ध 199 माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता वापस लेने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बोर्ड के प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी, बरेली और गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों के माध्यम से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) को इन स्कूलों की सूची भेजकर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ये स्कूल आगामी 2024 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए केंद्र नहीं बनाया गया।
ये स्कूल उन 253 स्कूलों के अतिरिक्त होंगे, जिन्हें पहले ही उत्तर प्रदेश बोर्ड द्वारा 2024 कक्षा 10 और कक्षा 12 परीक्षाओं के लिए केंद्र बनने से रोक दिया गया है। सूची में शामिल इनमें से कई स्कूल ऐसे हैं जहां पिछले वर्षों में बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान गंभीर अनियमितताएं या सामूहिक नकल के मामले सामने आए थे।
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इसके अलावा, कुछ पर प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल में मदद करने का भी आरोप है, जिसके लिए उन्हें केंद्र बनाया गया था या अन्य गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।"
उत्तर प्रदेश बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई राज्य सरकार के स्तर पर संयुक्त निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) के पास लंबित है। जिन 199 स्कूलों की मान्यता वापसी की प्रक्रिया चल रही है, उनमें ग़ाज़ीपुर के 16, बलिया और मऊ के 12-12, लखनऊ के आठ, शाहजहाँपुर के सात और फ़िरोज़ाबाद, हापुड और मेरठ के छह-छह स्कूल शामिल हैं।
इनके अलावा कानपुर नगर, हरदोई और हाथरस जिले के पांच-पांच स्कूलों पर भी कार्रवाई होगी। सूची में प्रयागराज के चार स्कूलों के नाम भी हैं।
उत्तर प्रदेश बोर्ड हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2024 में उपस्थित होने के लिए कुल लगभग 55,08,206 छात्र पंजीकृत हैं। इनमें 29,47,324 हाई स्कूल के छात्र (15,71,686 लड़के और 13,75,638 लड़कियाँ) और अन्य 25,60,882 इंटरमीडिएट छात्र शामिल हैं। (14,12,806 लड़के और 11,48,076 लड़कियां) जिन्होंने पंजीकरण औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। उत्तर प्रदेश बोर्ड की हाईस्कूल, इंटर की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू होकर 9 मार्च को खत्म होंगी।
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