यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2024 में केंद्र निर्धारण को लेकर खास सतर्कता बरती जा रही है। जिलों से पिछले पांच साल में स्कूलों की आधारभूत संसाधनों की भेजी गई सूचनाओं को आधार बनाकर जांच की जा रही है, ताकि मानक पूरा न करने वाले स्कूल परीक्षा केंद्र न बन जाएं। पिछले सालों में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के स्तर से केंद्र निर्धारण में खेल की शिकायतें मिलती रही हैं। शिक्षा माफिया डीआईओएस कार्यालय के बाबुओं से सांठगांठ करके मनमाना केंद्र बनवा लेते थे और फिर नकल के सहारे पास कराने के लिए परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों से मोटी रकम वसूल करते थे।
वर्ष 2023 की बोर्ड परीक्षा में व्यापक पैमाने पर इस प्रकार की शिकायतें मिली थीं। नकल के लिए बदनाम अकेले गाजीपुर में मानक पूरे नहीं करने वाले आठ स्कूलों को केंद्र बनाने की शिकायत शासन से हुई थी। जबकि मानक पूरे करने वाले राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कम संसाधन दिखाकर उनको परीक्षा केंद्र नहीं बनने दिया गया। शासन के उप सचिव कृपा शंकर यादव ने फरवरी 2023 में बोर्ड सचिव को शिकायती पत्र भेजकर जांच के आदेश दिए थे जो अब तक चल रही है।
ऐसे में 2024 की बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुड़े बोर्ड के अधिकारी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे और जिलों से केंद्रों की भेजी गई सूचनाओं का मिलान पिछले पांच साल के आंकड़े से कर रहे हैं ताकि इस साल की परीक्षा में किसी गड़बड़ी की आशंका से बचा जा सके। इस बीच 26 नवंबर तक जिलों से मिले परीक्षा केंद्रों की सूची बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करने की तैयारी है।
केस 1
गाजीपुर जिला प्रशासन की रिपोर्ट में घरिहा का एक स्कूल मुख्य मार्ग से जुड़ा न होकर चक रोड से जुड़ा था। जबकि गाजीपुर डीआईओएस की रिपोर्ट में कॉलेज को मुख्य मार्ग से जुड़ा हुआ बताकर केंद्र बनवा दिया गया। एक अन्य विद्यालय में 16 कमरे थे, लेकिन डीआईओएस की रिपोर्ट में 32 कमरे दिखाकर परीक्षा केंद्र बनवा दिया गया।
केस 2
गाजीपुर के ढेबुआ स्थित एक इंटर कॉलेज में उप जिलाधिकारी की जांच आख्या में खिड़की, दरवाजे और फर्नीचर आदि संसाधन पूरे नहीं मिले थे, लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक अशोक नाथ तिवारी और राजकीय सिटी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य नवीन पाठक ने सभी मानक पूरे होने की रिपोर्ट लगाते हुए 2023 की परीक्षा में केंद्र बनवा दिया।
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