यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शनिवार से प्रदेशभर के 258 केंद्रों पर शुरू होगा। कुल 3.19 करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए करीब 1,43,933 लाख परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने उप नियंत्रकों को निर्देशित किया है कि कोई भी परीक्षक किसी भी दशा में उस स्थान या विद्यालय के परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिकाएं नहीं जांचेंगा जहां वे स्वयं अध्यापक हैं या किसी अन्य रूप से संबद्ध हैं।
केंद्रों पर अंग्रेजी माध्यम की जो उत्तरपुस्तिकाएं प्राप्त हों उनका मूल्यांकन अंग्रेजी माध्यम के योग्य शिक्षकों से ही कराया जाए। छात्र ने प्रश्नों की क्रम संख्या गलत लिख दी हो तो उसे ठीक कर लें। मूल्यांकन सीसीटीवी की निगरानी में कराया जाएगा और पहली बार प्रत्येक केंद्र पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन एक अप्रैल तक चलेगा। हाईस्कूल की लगभग 1.86 करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं के लिए 89,698 व इंटरमीडिएट की 1.33 करोड़ कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 54,235 परीक्षक लगाए गए हैं।
केंद्रों के 100 मीटर की परिधि में धारा 144 लगाई गई है। मूल्यांकन अवधि तक कम से कम चार सशस्त्र पुलिस गार्ड तथा स्थानीय अभिसूचना इकाई/पुलिस कर्मियों की सादी वर्दी में तैनाती की गई है।
यूपी बोर्ड रिजल्ट 2023 डेट:
जिस प्रकार से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यूपी बोर्ड की परीक्षाएं संपन्न हुई हैं और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू हो रहा है उससे अनुमान है कि यूपी बोर्ड 10वीं व 12वीं परीक्षाओं 2023 के परिणाम मई 2023 के पहले सप्ताह में जारी किए जा सकते हैं।
प्रयागराज में 5427 परीक्षक जांचेंगे 12 लाख कॉपियां
जिले में 5427 परीक्षक 10वीं-12वीं की लगभग 12 लाख कॉपियां जांचेंगे। राजकीय इंटर कॉलेज में 1.48 लाख, अग्रसेन कॉलेज में 1.25 लाख, क्रास्थवेट में 70 हजार, केपी कॉलेज में 1.08 लाख, सीएवी कॉलेज में 1.32 लाख, जीजीआईसी सिविल लाइंस में 1.22 लाख, एंग्लो बंगाली में 1.13 लाख, कुलभाष्कर में 1.31 लाख, केसर विद्यापीठ में 76379 व भारत स्काउट एवं गाइड कॉलेज में 1.73 लाख कॉपियां जांची जाएंगी।
शिक्षकों से अपमानजनक व्यवहार हुआ तो करेंगे विरोध
मूल्यांकन के लिए जारी निर्देशों पर आपत्तियां उठ रही है। माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में लिखा है कि सीसीटीवी से परीक्षकों की निगरानी तथा उनके मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध के निर्देश से ऐसा लग रहा है कि कॉपियों के मूल्यांकन में शिक्षक के रूप में अपराधी लगे हों। अफसरों की ओर से जारी आदेश में मूल्यांकन केंद्रों पर शुद्ध पेयजल, पंखा, बैठने की उचित व्यवस्था, साफ-सफाई आदि के संबंध में एक शब्द नहीं लिखा गया। इससे शिक्षकों के प्रति नौकरशाहों की मनोवृति का अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी मूल्यांकन केंद्र पर शिक्षकों/परीक्षकों से अपमानजनक व्यवहार हुआ तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
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