यूपी बोर्ड के रिजल्ट का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अब नतीजे 31 तक जारी होंगे, इसको लेकर कुछ नहीं किया जा सकता है। आखिर क्या है वह कारण जिसकी वजह से रिजल्ट में इतनी देरी हो रही है। कोरोना महामारी के कारण यूपी बोर्ड के 100 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि बिना परीक्षा परिणाम घोषित होगा। बोर्ड के अधिनियम में बिना परीक्षा परिणाम जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है। हर साल 10वीं-12वीं की परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण से लेकर हर छोटे-बड़े काम के लिए बकायदा शासनादेश जारी होते हैं।
इस साल शासन ने बिना परीक्षा परिणाम घोषित करने का निर्णय तो ले लिया लेकिन उसके लिए कोई आदेश जारी नहीं किया। ऐसे में बोर्ड अफसरों को डर भी सता रहा है कि कहीं परिणाम जारी होने के बाद कोई विवाद हाईकोर्ट पहुंचता है और कोर्ट ये पूछता है कि किस आधार या शासनादेश पर परिणाम तैयार किया गया तो क्या जवाब देंगे।
कब क्या हुआ
29 मई: हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त करने का निर्णय
3 जून: इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द करने पर लगी मुहर
20 जून: शासन ने जारी किया परिणाम तैयार करने का फॉर्मूला
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