यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2023 देने वाले जिन छात्र-छात्राओं को शून्य अंक मिलेंगे उनकी कॉपियां दोबारा जांची जाएंगी। बोर्ड ने पहली बार यह निर्णय लिया है ताकि अगर गलती से परीक्षक किसी छात्र को शून्य अंक दे दे या नंबर देना भूल जाए तो मूल्यांकन के दौरान ही इस गड़बड़ी को पकड़ा जा सके। इसी के साथ सभी उप प्रधान परीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि पिछले सालों की तरह 90 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं की भी दोबारा जांच कर अपना हस्ताक्षर करेंगे।
स्वच्छ और सुंदर हैंडराइटिंग पर एक अतिरिक्त अंक मिलेंगे लेकिन परीक्षक इस बात का ध्यान रखेंगे कि परीक्षार्थी का कुल प्राप्तांक, प्रश्नपत्र के पूर्णांक से अधिक न हो जाए। यदि किसी परीक्षार्थी ने निर्धारित संख्या से अधिक प्रश्न खंडों को हल किया है तो जिस प्रश्न पर अधिक अंक मिल रहे हों उसे ही संज्ञान में लें। विज्ञान, गणित या तकनीकी विषय में उत्तर के स्टेप सही हैं लेकिन छात्र ने त्रुटिवश गलत उत्तर लिख दिया है तो भी शून्य अंक न देकर उत्तर के अनुरूप अपेक्षित अंक मिलेंगे। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने परीक्षकों से अपील की है कि इस सावधानी से कॉपियों का मूल्यांकन करें कि छात्र-छात्राओं का परीक्षाफल प्रभावित न हो।
खास-खास
- 258 केंद्रों पर 18 मार्च से जांची जाएंगी 10वीं-12वीं की कॉपियां
- प्रश्नोत्तरों का मूल्यांकन स्टेप मार्किंग के अनुसार किया जाए।
- हल सही होने परंतु मात्रक (यूनिट) न लिखने या अशुद्ध लिखने पर आंशिक अंक काटे जाएंगे।
- 1,43,933 परीक्षकों की ड्यूटी मूल्यांकन कार्य में लगाई गई है
- 3.19 करोड़ कॉपियां हाईस्कूल-इंटरमीडिएट की जांची जाएंगी
मूल्यांकन में गड़बड़ी पर हमेशा के लिए डिबार
यूपी बोर्ड के मूल्यांकन को लेकर बुधवार को प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के उपनियंत्रकों की कार्यशाला बोर्ड मुख्यालय में हुई। सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने कहा कि शुचितापूर्ण मूल्यांकन एजेंडे में है। सचिव ने कहा कि मूल्यांकन कार्य में गड़बड़ी करने वाले शिक्षक हमेशा के लिए डिबार कर दिए जाएंगे। परीक्षक उत्तरपुस्तिकाओं में हर स्टेप पर नंबर दें। उन्होंने परीक्षकों को बेवजह नंबर न काटने की भी सलाह दी। मूल्यांकन संबंधी निर्देश आडियो-वीडियो प्रेजेन्टेशन के माध्यम से भी दिया गया। क्षेत्रीय कार्यालय की अपर सचिव विभा मिश्रा ने कहा कि उत्तरपुस्तिकाओं का शुचितापूर्ण तरीके से मूल्यांकन कराने की जिम्मेदारी सभी की है। प्रयागराज परिक्षेत्र के अधीन लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, झांसी एवं चित्रकूट मंडलों के मूल्यांकन केंद्रों के उपनियंत्रकों ने कार्यशाला में भाग लिया।
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