यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की कॉपियों के मूल्यांकन पर फैसला 20 अप्रैल के बाद लिया जाएगा। राज्य के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने यह जानकारी दी है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा के साथ कहा है कि देश के कुछ इलाकों में 20 अप्रैल के बाद सशर्त अनुमति दी जा सकती है। जिन इलाकों में कोरोना के मामले नहीं बढ़ेंगे और हॉटस्पॉट बनने की आशंका नहीं होगी, उन्हीं इलाकों में 20 अप्रैल से सशर्त छूट मिलेगी। जाहिर है कि यूपी सरकार इस छूट को ध्यान में रखकर ही उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य की योजना बनाएगी।
और लेट हुआ रिजल्ट
लॉकडाउन बढ़ने से रिजल्ट में और देरी होगी। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 56 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के परिणाम 24 अप्रैल तक घोषित होने थे। लेकिन अब फिलहाल मई के आखिर तक रिजल्ट जारी होने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। रिजल्ट लेट आने से स्क्रूटनी और कंपार्टमेंट परीक्षाओं का भी लेट होना तय है।
एक जुलाई से शुरू हो सकता है नया सत्र
यूपी बोर्ड का 2020-21 शैक्षिक सत्र एक जुलाई से शुरू हो सकता है। सत्र एक अप्रैल से ही शुरू होना था लेकिन लॉकडाउन के कारण बेपटरी हो गया। ऐसे में शासन के पास सत्र एक जुलाई से शुरू करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता दिखाई नहीं दे रहा। पूर्व में भी एक जुलाई से सत्र शुरू होता था लेकिन सीबीएसई से बराबरी की होड़ में तीन साल पहले सत्र को एक अप्रैल से कर दिया गया था।
लॉकडाउन बढ़ने के कारण ही कक्षा 9 व 11 का अग्रिम पंजीकरण और 10वीं-12वीं का परीक्षा फार्म भरवाने का काम भी पिछड़ेगा। ये काम पिछले साल सितंबर में पूरा हो गया था लेकिन इस साल जिस तरह से पढ़ाई और प्रवेश का काम प्रभावित हुआ है, पंजीकरण एवं परीक्षा के आवेदन पत्र की तिथि भी बढ़ना तय है। ऐसे में हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षा पर भी असर पड़ना तय है। इस साल बोर्ड ने 18 फरवरी से परीक्षाएं शुरू कर दी थी। लेकिन अगले साल फरवरी में परीक्षा करवाना मुश्किल होगा क्योंकि पाठ्यक्रम ही पूरा नहीं हो सकेगा।
अन्य कक्षाओं के सभी बच्चों को किया गया प्रमोट
यूपी बोर्ड ने सभी संबंद्ध स्कूलों के कक्षा 6, 7, 8, 9 व 11 के सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का फैसला लिया है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने सोमवार को आदेश जारी कर दिया। इस आदेश का लाभ लगभग 70 लाख विद्यार्थियों को मिलेगा। प्रदेश में यूपी बोर्ड के लगभग 27 हजार स्कूल हैं। आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण असाधारण परिस्थितियां पैदा हुई हैं। लिहाजा शैक्षिक सत्र को नियमित करने के लिए विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया जाए। प्रदेश में यूपी बोर्ड के 27 हजार स्कूलों में 2000 सरकारी और 4500 सहायताप्राप्त स्कूल हैं। बाकी निजी स्कूल हैं। ज्यादातर स्कूलों में यूपी बोर्ड परीक्षा के कारण गृह परीक्षाएं बाकी थीं या चल रही थीं। जहां खत्म भी हो गई थीं वहां अभी कॉपियां चेक नहीं हो पाई थीं। अभी चूंकि यूपी बोर्ड की कक्षा 10 व 12 वीं की कॉपियां भी चेक नहीं हो पाई हैं लिहाजा लॉकडाउन खुलते ही बोर्ड का रिजल्ट निकालना विभाग की पहली प्राथमिकता होगी।
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