यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा का परिणाम जुलाई से पहले आने के आसा नहीं हैं। ग्रीन जोन वाले जिलों में मंगलवार से मूल्यांकन शुरू हुआ है। वहां भी कॉपी जांचने वाले शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। 17 मई तक लॉकडाउन के तृतीय चरण के बाद सभी 75 जिलों में हालात सामान्य हो जाएं, यह भी संभव नहीं दिख रहा। इससे साफ है कि 17 मई के बाद भी सभी जिलों में पूरी तरह से मूल्यांकन शुरू नहीं होगा। सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की जो गाइडलाइन जारी की है उसमें सभी 1.46 लाख शिक्षकों के एकसाथ कॉपी जांचने की गुंजाइश नहीं है।
हाईस्कूल और इंटर की 3.10 करोड़ कॉपियां जांचने में कम से कम 15 से 20 दिन लगना तय है। ऐसे में जून के पहले सप्ताह तक मूल्यांकन चला तो उसके एक महीने बाद यानि जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में ही परिणाम आ सकता है। वैसे भी परिणाम बनाने का सारा काम दिल्ली में होता है। वहां के हालात नियंत्रण में नहीं है। इस सबका असर परिणाम पर पड़ेगा। शिक्षक विधायक सुरेश त्रिपाठी के अनुसार मौजूदा हालात देखते हुए लगता है कि बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जुलाई से पहले नहीं आएगा।
बोर्ड के पूर्व सचिव और पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक बासुदेव यादव ने बताया कि लॉकडाउन हटने के पहले मूल्यांकन कराना संभव नहीं है। केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो पाएगी और शिक्षक तैयार भी नहीं हैं। मई में पूरी कॉपी जंच गई तो किसी तरह जून अंत तक परिणाम दे सकते हैं। अन्यथा जुलाई में ही रिजल्ट आएगा।
नीना श्रीवास्तव, सचिव यूपी बोर्ड का कहना है। शासन के निर्देशानुसार ग्रीन जोन वाले जिलों में मूल्यांकन शुरू करा दिया गया है।
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