उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं की 2020 में परीक्षा शुल्क 6 गुना बढ़ा दी है। जहां हाई स्कूल का परीक्षा शुल्क 80 रुपये था इसे बढाकर 500 रुपये और इंटरमीडिएट का परीक्षा शुल्क 90 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है वही दूसरी तरफ यूपी बोर्ड की हाई स्कूल की परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को अब 200 रुपये के बजाय 700 रुपये का परीक्षा शुल्क भरना होगा। वहीं इंटरमीडिएट परीक्षाओं में बैठने वाले प्राइवेट छात्रों को अब 220 रुपये के बजाय 800 रुपये का भुगतान देना होगा।
छात्रों को 15 अगस्त तक अपने विद्यालय में फीस जमा करानी होगी। अप्रैल में उत्तर प्रदेश बोर्ड ने परीक्षाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए भी फीस में पांच गुना बढ़ोतरी की थी। यूपी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यह अत्यधिक बढ़ोतरी बोर्ड को सीबीएसई और आईसीएसई के समकक्ष लाने के लिए की गई है।
यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा, "चूंकि हमारे ज्यादातर छात्र ग्रामीण क्षेत्र के हैं, तो हम अभी भी सीबीएसई या आईसीएसई जितना शुल्क नहीं ले रहे हैं। आपको बता दें की सीबीएसई में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों को 5 विषयों के लिए 750 रुपये का भुगतान करना पड़ता है अगर वे एक अतिरिक्त विषय लेते हैं तो 100 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाता वहीं आईसीएसई और आईएससी छात्रों का परीक्षा शुल्क 1,500 रुपये है
इस बीच, माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा (माध्यमिक स्व-वित्त शिक्षक संघ) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश द्विवेदी ने कहा जब सरकार सभी को मुफ्त भोजन और स्कूल ड्रेस देने की बात करती है, ऐसे समय में छात्रों के लिए यह शुल्क वृद्धि अनुचित है
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