सीबीएसई के बाद यूपी बोर्ड भी 2020-21 सत्र के लिए कोर्स कम करने जा रहा है। कोरोना के कारण मार्च से ही स्कूलों में पढाई-लिखाई बाधित है। इसे देखते हुए यूपी बोर्ड ने विषय विशेषज्ञों से कोर्स कम करने का प्रस्ताव तैयार कराया है। शासन को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार जुलाई महीने में यदि नियमित कक्षाएं नहीं चलतीं तो कक्षा 9 से 12 तक के पूरे पाठ्यक्रम का 10 प्रतिशत हिस्सा कम किया जाएगा।
इसी प्रकार अगस्त में पढ़ाई बाधित होने पर 20 फीसदी और सितंबर तक कक्षाएं चालू नहीं होने पर 30 प्रतिशत कोर्स कम किया जाएगा। बोर्ड ने इसी फॉर्मूले के आधार पर विषय विशेषज्ञों की कमेटी से हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक, विज्ञान, भूगोल, जीव विज्ञान, कला, गृह विज्ञान समेत पूरे कोर्स में कटौती करवाते हुए शासन को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है।
इस तरह होगी कोर्स में कटौती
उदाहरण के तौर पर जुलाई का नुकसान होने पर कक्षा 10 संस्कृत से तीन पाठ (10 प्रतिशत), अगस्त की पढ़ाई प्रभावित होने की दशा में छह पाठ (20 प्रतिशत) और सितंबर तक पढ़ाई-लिखाई पटरी पर आने की स्थिति में नौ पाठ (30 प्रतिशत) कम किया जाएगा। 2020-21 सत्र की शुरुआत तो एक अप्रैल से ही हो चुकी है लेकिन यूपी बोर्ड जुलाई से सितंबर तक को आधार बनाकर कटौती करने के पक्ष में है।
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