मैट्रिक की परीक्षा में तीन लाख से अधिक विद्यार्थी असफल हो गए है पर राज्य में 6765 ऐसे स्कूल हैं, जहां सौ फीसदी रिजल्ट रहा। इन स्कूलों के एक भी छात्र फेल नहीं हुए। इसमें लगभग आठ लाख 60 हजार छात्र शामिल हैं।
80 फीसदी छात्रों को 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हुए: सभी मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण रहे, वहीं राज्य के 2564 ऐसे स्कूल हैं, जहां पर 80 फीसदी छात्रों को 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हुए। इस बार मैट्रिक परीक्षा में कुल 9276 स्कूलों के 16 लाख 64 हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। सौ फीसदी रिजल्ट देने में पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, गोपालगंज, रोहतास, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सीवान, पूर्वी चंपारण आदि जिलों के स्कूलों की संख्या ज्यादा हैं। बोर्ड सूत्रों की मानें तो इस बार सौ फीसदी रिजल्ट देने वाले 25 फीसदी स्कूल बढ़े हैं। ज्यादातर स्कूलों में 50 से 70 अंक प्राप्त करने वाले छात्र हैं, वहीं 30 फीसदी तक तृतीय स्थान भी छात्रों को मिली है।
हर साल बढ़ रहा पास प्रतिशत : बता दें कि बिहार बोर्ड की ओर से मैट्रिक रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इस बार पिछले कई सालों से बेहतर रिजल्ट हुआ है, जहां प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्रों की संख्या बढ़ी है, वहीं फेल करने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है। बिहार बोर्ड की ओर से प्रश्न पत्र में सकारात्मक बदलाव से रिजल्ट में बेहतर हुआ है। खासकर बहुविकल्पीय प्रश्न और प्रश्न पत्र में सौ फीसदी विकल्प देने से छात्र सारे प्रश्न का जवाब दे पाते हैं। हर एक प्रश्न का एक विकल्प रहता है।
रिजल्ट के आधार पर स्कूलों को अनुदान
सौ फीसदी रिजल्ट देने का फायदा उन स्कूलों को होगा, जिन्हें सरकार रिजल्ट के आधार पर अनुदान देती है। इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या के आधार पर अनुदान मिलता है।
शिक्षाविद केसी सिन्हा यह एक बड़ा बदलाव है। बिहार बोर्ड की ओर से तैयार प्रश्न पत्र बच्चों की सुविधानुसार होता है। इससे बच्चों में परीक्षा का डर खत्म हुआ है। विकल्प प्रश्न रहने से वे सारे प्रश्न का जवाब देते हैं।
इन स्कूलों का रिजल्ट 100 फीसदी :
जिला --स्कूल
पटना-- 343
भागलपुर --301
गया --284
मुजफ्फरपुर --344
गोपालगंज --222
रोहतास --123
मधुबनी --235
सहरसा --216
मधेपुरा --194
पूर्वी चंपारण-- 154
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