मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) आज हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के करीब 18 लाख छात्रों का रिजल्ट जारी कर रहा है. इसमें से करीब 10.5 लाख छात्र 10वीं क्लास के हैं. एमपी बोर्ड 10वीं और 12वीं के टॉपर्स की लिस्ट दो साल बाद जारी करेगा. दरअसल, पिछले दो साल से करोनो महामारी के कारण बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो सका था. इसके चलते 100 फीसदी छात्रों को पास कर दिया गया था. मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल यानी एमपी बोर्ड का इतिहास भी दिलचस्प है
कब हुई थी स्थापना
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल यानी एमपी बोर्ड की स्थापना 1965 में की गई थी. इसकी स्थापना मध्य प्रदेश विधानमंडल द्वारा एक अधिनियम पारित करके की गई थी. इसका मकसद मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा और अन्य सहायक मामलों को विनियमित करना था.
एमपी बोर्ड के कार्य
स्कूलों को संबद्धता/मान्यता प्रदान करना
माध्यमिक स्तर की कक्षाओं का पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें निर्धारित करना
माध्यमिक स्कूल और मध्यवर्ती परीक्षाएं आयोजित करना
एमपी बोर्ड के नाम है यह रिकॉर्ड
एमपी बोर्ड ने अपनी स्थापना के बाद 2021 में पहली बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं की थी. ऐसा कोरोना महामारी के कारण हुआ था. एमपी बोर्ड के नाम दूसरा रिकॉर्ड ये है कि अपने इतिहास में पहली बार इस बार बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में आयोजित किया था. साथ ही एमपी बोर्ड बिहार बोर्ड के बाद सबसे जल्दी रिजल्ट जारी करने वाला दूसरा बोर्ड बन रहा है.
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