मध्यप्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट की रिटोटलिंग के लिए इस बार एमपी बोर्ड ने व्यवस्था में बदला किया है. अगर कोई छात्र अपने अंकों से असंतुष्ट है तो कॉपी लेने से पहले रिटोटलिंग का फॉर्म भरना जरूरी होगा. रिटोटलिंग का फॉर्म भरे छात्रों को ही कॉपी की छाया दी जाएगी. कॉपी की छायाप्रति लेने के लिए छात्रों को अब रिटोटलिंग का फॉर्म भरना होगा.
बता दें कि कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड के छात्र अगर अपने अंकों से असंतुष्ट हैं तो कॉपी की छायाप्रति लेने के लिए छात्रों को पहले रिटोटलिंग का फॉर्म भरना जरूरी होगा. अगर कोई छात्र कॉपी की छायाप्रति लेना चाहता है और अगर रिटोटलिंग का फॉर्म नहीं भरा है तो ऐसे छात्रों को कॉपी की छायाप्रति नहीं दी जाएगी. यह बदलाव एमपी बोर्ड ने इसी से किया है. अंकों और कॉपी को देखने के लिए छात्रों को पहले रिटोटलिंग का फॉर्म भरना अनिवार्य होगा.
छात्रों की परेशानी होगी कम
माध्यमिक शिक्षा मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मालवीय का कहना है कि इस साल से ही नई व्यवस्था लागू की गई है. अब तक छात्र रिटोटलिंग और कॉपी की छायाप्रति के लिएअलग अलग आवेदन करते थे. अब इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है. अब एक ही नियम लागू किया गया है कि अगर छात्र छात्राएं कॉपी की छायाप्रति लेना चाहते हैं तो पहले उन्हें रिटोटलिंग का फॉर्म भरना जरूरी होगा. इसके पीछे का कारण यह है कि एक तो टीचर कॉपी की छायाप्रति देने से पहले रिटोटलिंग सतर्कता से करेगा. रिटोटलिंग में किसी भी तरह की त्रुटि नहीं होगी क्योंकि शिक्षक को पता होगा कि यह कॉपी अब छात्र के पास जाने वाली है तो वह सावधानी से अंकों की गिनती करेंगे तो वहीं छात्र भी असमंजस में पड़ने से बच जाएंगें.
29 अप्रैल को जारी हुआ है बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट
मध्यप्रदेश में कक्षा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट 29 अप्रैल को जारी हुआ था. बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट एक साथ जारी हुआ है. तो वहीं बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट में इस बार टॉपर छात्र-छात्राओं को भोपाल नहीं बुलाया गया है. कोविड के चलते बीते दो सालों से सामान्य तरीके से रिजल्ट जारी हो रहा है.
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