झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) परीक्षा के पैटर्न में बदलाव कर दिया है। 2024 में होने वाली परीक्षा में अब ओएमआर शीट का इस्तेमाल नहीं होगा। परीक्षार्थियों को एक ही प्रश्न पत्र मिलेगा और ऑब्जेक्टिव व सब्जेक्टिव सवाल के जवाब एक ही उत्तरपुस्तिका में लिखना होगा। शुक्रवार को जैक बोर्ड की बैठक में इस पर मंजूरी दी गई।
इसके साथ-साथ परीक्षा के ऑब्जेक्टिव व सब्जेक्टिव प्रश्नों के अंकों में भी बदलाव किया गया है। 2024 की मैट्रिक-इंटर की परीक्षा में 30 फीसदी अंकों के ऑब्जेक्टिव प्रश्न रहेंगे, जबकि 50 फीसदी अंक के प्रश्न लघु व दीर्घ उत्तरीय रहेंगे। बचे 20 फीसदी अंक आंतरिक मूल्यांकन और प्रैक्टिकल के लिए दिये जाएंगे।
वहीं, 2025 की परीक्षा में 20 फीसदी अंक के ही ऑब्जेक्टिव प्रश्न रहेंगे और 60 फीसदी अंक के सब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे। 20 फीसदी अंक प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन के लिए रहेगा। 30 नवंबर को ही शिक्षा सचिव के. रवि कुमार ने इसके लिए निर्देश दिया था। इसके बाद शुक्रवार को जैक बोर्ड की बैठक हुई और इस पर मुहर लगायी गई।
2022 और 2023 में हुई थी अलग पैटर्न पर परीक्षा
2022 व 2023 तक 10वीं-12वीं की परीक्षा अलग पैटर्न पर हुई थी। दोनों ही परीक्षाओं में 40-40 अंकों के ऑब्जेक्टिव प्रश्न व 40-40 अंकों के सब्जेक्टिव सवाल पूछे गये थे। 20-20 अंक आंतरिक मूल्यांकन व प्रैक्टिकल के लिए दिये गये थे। 2024 की परीक्षाओं में 2023 की अपेक्षा ऑब्जेक्टिव सवाल में 10 अंक की कटौती होगी और सब्जेक्टिव प्रश्न में इतने ही अंक की बढ़ोतरी की जाएगी।
इससे 30 अंक के ऑब्जेक्टिव, 50 अंक के सब्जेक्टिव और 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन-प्रैक्टिकल के लिए रहेंगे। वहीं, 2025 में भी ऑब्जेक्टिव प्रश्न में 10 अंक की और कटौती की जाएगी, जबकि सब्जेक्टिव प्रश्न में 10 अंक की बढ़ोतरी की जाएगी। इससे 20 अंक के ऑब्जेक्टिव, 60 अंक के सब्जेक्टिव व 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन व प्रैक्टिकल के लिए रहेंगे।
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