बिहार बोर्ड की इंटर परीक्षा बुधवार से शुरू हो गई। पहले दिन 16 जिलों के 68 विद्यार्थी निष्कासित हुए। सबसे ज्यादा सीतामढ़ी और समस्तीपुर से नौ-नौ परीक्षार्थी निष्कासित हुए। सुपौल जिले से दो छात्र दूसरे के बदले परीक्षा देते पकड़े गये। कई जिलें है जहां पर एक भी निष्कासन नहीं हुआ। राज्यभर के 1464 केंद्रों पर कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए सभी केंद्रों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं।
सोशल मीडिया पर फर्जी प्रश्न पत्र वायरल बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा फर्जी प्रश्न पत्र को वायरल किया गया। फर्जी प्रश्नपत्र का कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि इस बार प्रश्न पत्र के डिजाइन में बदलाव हैं। ज्ञात हो कि गणित और हिन्दी की परीक्षा शुरू होने के पहले फर्जी प्रश्न पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। लेकिन जांच के बाद पता चला कि वो प्रश्न पत्र गलत था।
जूता-मोजा उतरवाया तो खाली पांव विद्यार्थियों ने दी परीक्षा
परीक्षा के पहले दिन केंद्रों पर परीक्षार्थी जूता मोजा पहन कर चले गये। लेकिन केंद्र पर प्रवेश के साथ उनके जूता मोजा खुलवा दिए गये। इसके बाद सभी छात्र और छात्राएं खाली पांव परीक्षा केंद्र के अंदर गये। परीक्षार्थियों को चप्पल पहन कर आने का निर्देश दिया गया। जो छात्राएं जूती पहन कर आईं थीं, उन्हें भी खुलवा दिया गया।
परीक्षा छूटने के बाद रोते रहे परीक्षार्थी
इंटर परीक्षा के लिए केंद्र पर परीक्षा शुरू होने के दस मिनट पहले पहुंचना था। पर कई छात्र केंद्र पर देरी से पहुंचे तो उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। मिलर हाईस्कूल में 10 से 15 परीक्षार्थी प्रवेश नहीं कर पाएं। परीक्षार्थियों ने मिनतें की, पर प्रवेश नहीं मिला। इसके बाद परीक्षार्थियों ने थोड़ी देर सड़क जाम भी किया। इसके बाद कोतवाली पुलिस पहुंच परीक्षार्थियों को वहां से हटाया।
बोर्ड अध्यक्ष ने किया निरीक्षण
बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कई केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इसमें गर्दनीबाग बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, कमला नेहरू बालिका उच्च विद्यालय, जेडी वीमेंस कॉलेज, शास्त्रत्त्ीनगर बालिका उच्च विद्यालय, शास्त्रत्त्ीनगर बालक स्कूल आदि शामिल हैं। वहीं, डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह समेत आला प्रशासनिक अधिकारियों ने परीक्षा केंद्रों का खुद जायजा लिया। इधर, जिला नियंत्रण कक्ष से परीक्षा की निगरानी होती रही।
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