बिहार बोर्ड की मैट्रिक और इंटर की प्रैक्टिकल की कॉपियां जांचे बिना ही कई परीक्षार्थियों के अंक चढ़ा दिए गये। प्रैक्टिकल के परीक्षा केंद्रों पर बिना सही ढंग से कॉपी जांच के मार्क्स फाइल और अवार्ड शीट को भेज दिया गया।
मुजफ्फरपुर समेत विभिन्न जिलों में यह मामला सामने आया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इसे लेकर सभी डीईओ को निर्देश दिया है। बोर्ड ने इस पर जवाब मांगा है और परीक्षार्थियों के हित में केवल इस बार के लिए सुधार का एक मौका दिया है। 29 फरवरी तक सही ढंग से कॉपी जांच कर परीक्षार्थियों का अंक भेजने का आदेश दिया गया है। मैट्रिक और इंटर का प्रैक्टिकल का अधिकांश स्कूल-कॉलेज में होम सेंटर ही था। ऐसे स्कूल जहां बच्चों की संख्या कम थी, उन्हें दूसरे स्कूल से प्रैक्टिकल को लेकर टैग किया गया था।
दोबारा कराएं कॉपियों की जांच, गड़बड़ी में कराएं सुधार
बोर्ड ने कहा है कि पहले भी निर्देश दिया गया था कि सभी प्रायोगिक परीक्षा केन्द्रों में जांची गई कॉपियों की जांच करा ली जाए कि उत्तरपुस्तिकाएं विधिवत मूल्यांकित हुई हैं अथवा नहीं। साथ ही, जिन प्रायोगिक परीक्षा केन्द्रों पर उत्तरपुस्तिकाओं का विधिवत मूल्यांकन कराए बिना उनके अवार्ड शीट एवं मार्क्स फाइल बोर्ड को भेज दिए गए हैं, उन केन्द्रों को चिन्हित कर कार्रवाई की रिपोर्ट भी डीईओ से मांगी गई थी।
ऐसी उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराते हुए समिति को रिपोर्ट भेजनी थी। बोर्ड ने इस पर नाराजगी जताई है और कहा कि आदेश के बाद भी रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। इसे लेकर अंतिम मौका दिया जा रहा है। किसी प्रायोगिक परीक्षा केन्द्र पर उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन से संबंधित कोई विसंगति पाई जाती है या किसी कारणवश पूर्व में कोई परीक्षार्थी अनुपस्थित रहा हो तो इसके सुधार के लिए अपवाद स्वरूप एक अवसर प्रदान किया जा रहा है, जो सिर्फ इसी बार के लिए मान्य होगा।
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