बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2020 की परीक्षा में साइंस स्ट्रीम में कुल 5,05,467 विद्यार्थी सम्मिलित हुए थे जिसमें कुल 3,56,042 छात्र तथा 1,49,425 छात्राएं थे। इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2020 की साइंस स्ट्रीम में कुल 2,24,971 विद्यार्थी फर्स्ट डिवीजन में, 1,62,471 विद्यार्थी सेकेंड डिवीजन में और 3,601 विद्यार्थी थर्ड डिवीजन में पास हुए हैं। इस प्रकार, साइंस स्ट्रीम में कुल 3,91,199 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो इस स्ट्रीम की परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थियों का 77.39 प्रतिशत है। अब 12वीं पास स्टूडेंट्स के लिए अपने लिए हायर एजुकेशन का ऑप्शन चुनने का वक्त है।
अकसर 12वीं पास करने के बाद विद्यार्थी इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि सफल करियर बनाने के लिए कौन सा कोर्स चुना जाए। वैसे तो साइंस साइड में बेशुमार अवसर हैं लेकिन इसके बावजूद वह 12वीं पास करने के बाद असमंजस में रहते हैं। असल में साइंस एक बहुत बड़ी स्ट्रीम हैं जिसमें एक या दो नहीं बल्कि ढेरों विकल्प मौजूद हैं। हम यहां पर आपको कुछ ऐसे ही ऑप्शंस के बारे में बता रहे हैं जो आपको अपने करियर में एक अलग मुकाम हासिल करने में मदद करेंगे।
साइंस स्ट्रीम में इंटर पास करने वाले स्टूडेंट्स के लिए करियर बनाने के बहुतेरे विकल्प मौजूद हैं। नॉन मेडिकल और मेडिकल दोनों ही फील्ड में अवसरों की लाइन लगी हुई है। नॉन मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए जहां आईटी फील्ड हाथ खोले मजबूती के साथ खड़ी है, वहीं मेडिकल साइंस स्टूडेंट्स के लिए हेल्थ सेक्टर बेशुमार संभावनाओं के साथ मौजूद है। असल में साइंस एक बहुत बड़ी स्ट्रीम हैं जिसमें एक या दो नहीं बल्कि ढेरों विकल्प मौजूद हैं। हम यहां पर आपको कुछ ऐसे ही ऑप्शंस के बारे में बता रहे हैं जो आपको अपने करियर में एक अलग मुकाम हासिल करने में मदद करेंगे।
पीसीबी (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयो) वाले विद्यार्थियों के लिए
एमबीबीएस, बीडीएस, बी. फार्मा, फार्मा डी, बीएससी नर्सिंग, बीएचएमएस, बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी, बीयूएमएस, होमियोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, नैचूरोपैथी, एग्रीकल्चर साइंस, हम्यूमेन बायोलॉजी
पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) वाले विद्यार्थियों के लिए
इंजीनियरिंग, बीएससी, बीससीए, बीआर्क, बी फार्मेसी, बीबीए,कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग, डिप्लोमा कोर्स इन फायर सेफ्टी, बैचलर ऑफ इंटीरियर डिजाइन, बीसीए, बैचलर ऑफ डिजाइन,
अगर कोई प्रोफेशन कोर्स नहीं सूझ रहा है तो बीएससी इन फिजिक्स, मैथ्स, माइक्रोबायोलजी में जाया जा सकता है।
नए ट्रेंड में लोकप्रिय हो रहे साइंस के ये बेहतरीन करियर विकल्प
रोबोटिक साइंस
स्पेस साइंसइस फील्ड
वॉटर साइंसय
नैनो-टेक्नोलॉजी
माइक्रो-बायोलॉजी
एन्वायरमेंटल साइंस
डेयरी साइंस
एस्ट्रो-फिजिक्सअगर
एस्ट्रो-फिजिक्स:
- इन सबके अलावा अगर 12वीं पास विद्यार्थी एनडीए, नेवी (मरीन), आर्मी (टेक्नीकल ब्रांच), मरचेंट नेवी की प्रतियोगी परीक्षाएं में हिस्सा लेते हैं तो सीधा कम्यूनिकेशन हो जाता है।
- एसएससी, डीएसएसएसबी, आरआरबी, बैकिंग से जुड़ी सरकारी नौकरियों में जा सकते हैं। 12वीं पास और साइंस ग्रेजुएट्स के लिए काफी नौकरियां निकलती हैं। अगर आप बिहार में रहकर ही सरकारी नौकरी करना चाहते हैं तो राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा साल में विभिन्न पदों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं, और साथ-साथ डिस्टेंस या ओपन से ग्रेजुएशन कर सकते हैं।
वैसे इस स्ट्रीम से 10+2 करने के बाद परंपरागत तौर पर छात्र इंजीनियरिंग- मेडिकल एंट्रेंस पर ही अपना पूरा फोकस रखते हैं।
कुछ ऐसे कोर्सेज भी हैं, जिनके आधार पर जॉब पाना आसान हो सकता है-
बीएससी (फॉरेंसिक साइंस) : इस तीन वर्षीय कोर्स के बाद देश के विभिन्न राज्यों के पुलिस विभागों में बतौर फॉरेंसिक एक्सपर्ट जॉब मिलने की संभावना हो सकती है। प्रमुख संस्थानों में डॉ.भीमराव अंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी (औरंगाबाद), डा. हरिसिंह गौड़ यूनिवर्सिटी (सागर), राजा बहादुर वेंकट रामा रेड्डी वीमेंस कॉलेज (हैदराबाद) आदि हैं।
बीएससी (होम साइंस) : इस कोर्स में अन्य विषयों के साथ हेल्थ साइंस एंड न्यूट्रिशन की ट्र्रेंनग भी दी जाती है। ऐसे ट्रेंड युवाओं के लिए जॉब्स के अवसर हॉस्पिटल्स, हेल्थ क्लबों, स्पोट्र्स संगठनों, स्कूलों आदि में हो सकते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी (दिल्ली) सहित देश की तमाम यूनिवर्सिटी में यह कोर्स उपलब्ध है।
बीएससी (बायोइन्फॉर्मेटिक्स) : मेडिकल साइंस के क्षेत्र में हाल के वर्षों में अनुसंधान और शोध के कार्यकलापों में काफी तेजी आई है। इसमें बायोइन्फॉर्मेटिक्स का कम योगदान नहीं है। आने वाले समय में ऐसे एक्सपट्र्स की मांग में तेजी आने की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता। पंजाब यूनिवर्सिटी (चंडीगढ़) के अतिरिक्त देश की कई अन्य यूनिवर्सिटीज में यह कोर्स उपलब्ध है।
बीएससी(एग्रीकल्चर साइंस) : इसमें उच्च शैक्षिक योग्यता रखने वाले युवाओं की बतौर कृषि वैज्ञानिक और कृषि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रूप में नियुक्तियां की जाती हैं। इस विषय से सम्बद्ध अन्य महत्वपूर्ण कोर्सेज में डेयरी टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर इंजीनिर्यंरग आदि का भी उल्लेख किया जा सकता है। इन कोर्सेज में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा आयोजित चयन परीक्षा के आधार पर एडमिशन दिए जाते हैं।
बीएससी (एन्वायर्नमेंटल साइंस) : विश्व भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए एन्वायर्नमेंटल साइंस की पृष्ठभूमि वाले लोगों की मांग हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है। यह कोर्स डॉ. बी. आर. अंबेडकर यूनिवर्सिटी(आगरा) सहित देश के कई विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है।
बीएससी(नर्सिंग) : स्वास्थ्य सेवाओं में ट्रेंड नर्स के लिए अवसरों में बढ़ोतरी हुई है। देश में सैकड़ों की संख्या में सरकारी एवं निजी हॉस्पिटल्स एवं नर्सिंग कॉलेज हैं, जहां पर इसके कोर्स चल रहे हैं।
बीएससी (जियोलॉजी) : इस कोर्स में पर्यावरण विज्ञान,खनिज एवं तेल उत्खनन, संसाधन प्रबंधन प्रमुख हंै। दिल्ली यूनिवर्सिटी (दिल्ली), बीएचयू (वाराणसी) के अतिरिक्त अन्य संस्थानों में यह कोर्स उपलब्ध है।
बीएससी (आईटी) : इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए यह उपयोगी कोर्स सिद्ध हो सकता है। फिलहाल देश में प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में ही यह कोर्स उपलब्ध है।
इनके अतिरिक्त बीएससी (पैरामेडिकल), बीएससी (मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी), बीएससी (बायोकैमिस्ट्री), बीएससी (बायोफिजिक्स), बीएससी (स्टैटिस्टिक्स), बीएससी (बायोटेक्नोलॉजी), बीएससी (फॉरेस्ट्री), बीएससी (कंप्यूटर साइंस), बैचलर ऑफ फार्मेसी, बैचलर ऑफ वेटरिनरी साइंस एंड एनिमल हसबैंड्री, बीयूएमएस, इंटिग्रेटेड एमएससी आदि का भी साइंस आधारित महत्वपूर्ण कोर्सेज में नाम ले सकते हैं।
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