बिहार बोर्ड का 10वीं का रिजल्ट इसी माह अर्थात मई में ही संभावित है। क्योंकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तेजी से किया जा रहा है। पटना में तो काफी कॉपियों का मूल्यांकन हो भी गया है। शुक्रवार को 12 केन्द्रों पर 23 हजार 231 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच की गई। अब जिले में 83 हजार 367 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच बची है। बिहार बोर्ड एक सप्ताह में कापियों का मूल्यांकन पूरी हो जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
गौरतलब है कि बुधवार से कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हुआ है। मूल्यांकन के साथ-साथ टेबुलाइजेशन भी चल रहा है। कॉपियों के मूल्यांकन के बाद टॉपर का फिजिकल वेरिफिकेशन होगा और उनका साक्षात्कार भी होगा, तब जाकर रिजल्ट जारी किया जाएगा।फिजिकल वेरिफिकेशन और साक्षात्कार वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए होगा। बोर्ड के अनुसार इस प्रक्रिया में भी थोड़ा वक्त लगेगा। ऐसे में 15 मई के बाद कभी भी रिजल्ट निकल सकता है। पटना जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार कई विषयों का मूल्यांकन पूरा हो चुका है। जिन विषयों का मूल्यांकन समाप्त हो गया है, उसकी जानकारी बोर्ड को भेजी जा चुकी है। बोर्ड को कई जिलों और केन्द्रों से शिक्षकों की कमी की जानकारी मिली है। ऐसे में बोर्ड ने हड़ताल से वापस आए योग्य शिक्षकों को कापी मूल्यांकन में लगाने का निर्देश दिया है, हालांकि इसमें बर्खास्त या निलंबित शिक्षक शामिल नहीं होंगे। हड़ताल से वापस आए शिक्षकों को मूल्यांकन में लगाने से मूल्यांकन कार्य में तेजी आएगीञ हालांकि कुछ केन्द्रों से शिक्षकों को सर्दी-जुकाम की होने के वजह से लौटा दिया गया।
लॉकडाउन से हुई देरी
गौरतलब है कि 31 मार्च से मूल्यांकन कार्य बाधित है। इस तरह 35 दिनों के अंतराल के बाद कॉपी का मूल्यांकन शुरू हुआ है। चूकिं स्कूल बंद हैं इसलिए मूल्यांकन अधिक से अधिक जगह में करने के लिए कहा गया है ताकि सोशल डिस्टेंस का पालन हो।
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