बिहार बोर्ड मैट्रिक व इंटर के परीक्षा व रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आधार नंबर दर्ज नहीं करनेवाले छात्रों पर बिहार बोर्ड कार्रवाई करेगा। जांच के दौरान अगर यह पता चला कि आधार नंबर होने के बावजूद उसे फॉर्म पर दर्ज नहीं किया तो संबंधित छात्र को परीक्षा से निष्कासित कर दिया जाएगा। या यह भी हो सकता है कि उसका रिजल्ट ही रद्द कर दिया जाए। अभी बिहार बोर्ड द्वारा परीक्षा फॉर्म और रजिस्ट्रेशन फॉर्म की जांच की जा रही है। बिहार बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फॉर्म भरवाने के समय एक शपथ पत्र भी छात्रों से भरवाया है। जिसमें छात्र ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसके पास आधार नंबर नहीं है।
ज्ञात हो कि मैट्रिक और इंटर के 40 से 45 फीसदी विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फॉर्म भरते समय आधार नंबर छुपा लेते हैं। ऐसे में बिहार बोर्ड को किसी छात्र के डिटेल्स डिजी लॉकर में डालने में परेशानी होती है। आधार नंबर से फर्जी परीक्षार्थी को पकड़ना भी आसान होता है। नौवीं और 11वीं का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरते समय भी छात्रों से आधार नंबर मांगा गया है।
दूसरे बोर्ड से परीक्षा देने वाले छात्र को पकड़ना होगा आसान
कुछ छात्र एक साथ कई बोर्ड से परीक्षा फॉर्म भर देते हैं। अगर बिहार बोर्ड के पास सभी का आधार नंबर होगा तो ऐसे छात्र को चिह्नित करना आसान हो जाएगा। बिहार बोर्ड दूसरे बोर्ड से संपर्क कर यह जानकारी ले सकता है।
बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा, 'अगर छात्र ने जानबूझ कर फॉर्म में आधार नंबर नहीं डाला है तो ऐसे छात्र पर कार्रवाई की जायेगी। उन्हें परीक्षा से निष्कासित किया जा सकता है और रिजल्ट भी रद्द किया जा सकता है।'
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