बिहार परीक्षा समिति को पटना हाईकोर्ट ने डीएलएड की परीक्षा में छात्रों को शामिल करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति ज्योति शरण और अरविन्द श्रीवास्तव की खंडपीठ ने 14 बीएड कॉलेजों के साथ ही सत्तार मेमोरियल कॉलेज की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया है।
उम्मीदवारों की ओर से वकील निरंजन कुमार ने कोर्ट को बताया कि बिहार बोर्ड ने इन निजी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन के छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति प्रदान नहीं की थी। इसमें बिहार बोर्ड का कहना था कि वर्ष 2016 में इस संबंध में रेगुलेशन लागू हुआ था। इससे पहले कोर्स में दाखिला लेने वाले उम्मीदवारों की परीक्षा कैसे ली जा सकती है। बिहार बोर्ड के इस आदेश को कॉलेजों ने याचिका दायर कर चुनौती दी थी। पहले मामले पर पटना हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट का कहना था कि बोर्ड के वर्ष 2016 में बनाए गए रेगुलेशन को चुनौती दी गई है, जिसे सुनने का अधिकार सिर्फ खंडपीठ को है। पटना कोर्ट ने मामले को खंडपीठ में भेजने का निर्देश दिया था।
एकलपीठ के भेजे गए इस मामले पर खंडपीठ ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया। फिर गुरुवार को खंडपीठ ने फैसला सुनाया, जिसमें कोर्ट ने इन कॉलेजों के छात्रों को इस वर्ष होने वाली परीक्षा में शामिल करने का आदेश दे दिया है। अब सत्र 2014-15 से लेकर 2016-18 तक के बीच के छात्रों की डीएलएड की परीक्षा बिहार बोर्ड को लेनी होगी।
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