उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को अंकपत्र (मार्कशीट) में गलतियां होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कैंप लगाकर विद्यार्थियों की परेशानी दूर करने का निर्णय लिया हैं। कैंप का आयोजन 12 से 30 जून के बीच किया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
जिले में यूपी बोर्ड के सात राजकीय स्कूलों समेत 152 विद्यालय संचालित हैं। इस वर्ष यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 35 हजार विद्यार्थी पास हुए हैं, इनमें करीब 15 हजार 12वीं के छात्र हैं। दरअसल, इन विद्यार्थियों की मार्कशीट में छात्र के नाम, माता-पिता के नाम और जन्मतिथि के अलावा कई विषयों में अनुपस्थिति जैसी काफी समस्याएं आ रही हैं, ऐसे में विद्यार्थी अपने आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। लगातार विभाग में इन समस्याओं को लेकर छात्र अभिभावकों के संग पहुंच रहे हैं। विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए जनपद स्तर पर शिविर लगाकर मार्कशीट में सुधार के आदेश दिए गए हैं।
मूलभूत सुविधाओं से लैस स्कूलों में लगेंगे कैंप
अफसरों के मुताबिक, कैंप मूलभूत सुविधाओं से लैस स्कूलों में लगाए जाएंगे। स्कूलों में पानी, शौचालय, बिजली समेत अन्य व्यवस्थाएं होंगी। विभाग को शिविर का आयोजन जिला स्तर पर करना है, ताकि किसी भी क्षेत्र के विद्यार्थियों को त्रुटियां दूर कराने के लिए ज्यादा दूरी न तय करनी पड़े। गलतियां सुधारने के लिए उपसचिव, सहायक सचिव, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों का चयन क्षेत्रीय कार्यालय से किया जाएगा और गलतियों को मौके पर ही सुधारा जाएगा।
कई मामले आ चुके सामने
मार्कशीट में त्रुटियों के काफी मामले सामने आ चुके हैं। बीते दिनों वैदिक कन्या इंटर कॉलेज की छात्रा खुशी को मार्कशीट में भौतिक विषय के प्रैक्टिकल में अनुपस्थिति दर्ज होने के कारण कंपार्टमेंट के लिए आवेदन करने में काफी दिक्कत हुई थी, जिलेभर में ऐसे करीब 100 से अधिक विद्यार्थी बताए गए थे। वहीं, काफी छात्रों के साथ नाम, जन्मतिथि में परेशानी हैं, इससे वह कॉलेज में उच्च स्तरीय पढ़ाई के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
धर्मवीर सिंह, (जिला विद्यालय निरीक्षक) ने कहा, ''उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को अंकपत्र में सुधार के लिए मेरठ या लखनऊ कार्यालय या फिर बोर्ड के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जल्द ही स्कूलों का चयन कर वहां के प्रधानाचार्यों को कैंप से जुड़ी जानकारी दे दी जाएगी।''
Download Link